जैसा कि हम लोग जानते हैं। आज पूरी दुनिया मंगल ग्रह पर जाना चाहती है। NASA से लेकर ISRO यहां तक की ELON MUSK की कंपनी SPACEX भी मंगल ग्रह पर जाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। क्या आपने कभी यह सोचा है आखिर मंगल ग्रह पर ही क्यों देश-विदेश के वैज्ञानिक जाना चाहते हैं। हमारे सौरमंडल में वैसे तो कई सारे ग्रह है। हम सभी ग्रह को छोड़कर मंगल ग्रह पर ही क्यों जाना चाहते हैं। यह सवाल आपके और कई सारे लोगों के दिमाग में चल रहा होगा। आज हम आपको सौरमंडल की पूरी जानकारी हिंदी में देंगे।
सौरमंडल क्या है ?? what is the solar system ??
हम पृथ्वी से जैसे ही बाहर निकलते हैं। हम आकाशगंगा में पहुंच जाते हैं जिसे अंग्रेजी में “Galaxy” कहते हैं। हमें सूर्य के चारों और चक्कर लगाते कई सारे ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रहों और उल्काओं के समूह देखने को मिलता है। एक दूसरे के साथ गुरुत्वाकर्षण के कारण यह जुड़े रहते हैं और लगातार सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। इसे ही सौरमंडल कहते हैं। NASA के वैज्ञानिकों ने अब तक 200 मिलियन से ज्यादा गैलेक्सी ढूंढ निकालें है सारे गैलेक्सी के पास अपना एक सौरमंडल है।
हमारे सौरमंडल में कुल कितने ग्रह है ?? How many planets are there in our solar system ??
हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है जिनमें से 4 ग्रह terrestrial Planets या जिसे हम inner planets भी कहते हैं उसमें उपस्थित है मतलब की यह वैसे ग्रह है जो कि सूर्य के बिल्कुल निकट है। इसके अलावा 4 ऐसे ग्रह है जो कि सूर्य से काफी ज्यादा दूरी पर है जिसके कारण उनका नाम Jovian Planets या outer planets रखा गया है।
इस वक्त हम सौरमंडल के तीसरे ग्रह यानी पृथ्वी पर है मगर आने वाले वक्त में मंगल ग्रह हमारा दूसरा घर बन जाएगा। जिस प्रकार लगातार मंगल मिशन किया जा रहा है। इसे देख यही लगता है की कुछ सालों के अंदर ही पहला मानव मिशन मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा। NASA के वैज्ञानिकों ने कहां है वे 2030 तक अपना पहला मंगल ग्रह मानव मिशन अभियान की शुरुआत कर देंगे और वही ELON MUSK ने 2025 तक यह काम कर दिखाने का वादा किया है।
सौरमंडल की पूरी जानकारी हिंदी में | Complete Information About Solar System In Hindi

terrestrial Planets या inner planets की सूची में 4 ग्रहों के नाम
1. Mercury (बुध)
2. Venus (शुक्र)
3. Earth (पृथ्वी)
4. Mars (मंगल)
Jovian Planets या outer planets की सूची में 4 ग्रहों के नाम
5. Jupiter (बृहस्पति)
6. Saturn (शनि)
7. Uranus (अरुण)
8. Neptune (वरुण)
सौरमंडल के 8 ग्रहों की जानकारी विस्तार में (In detail about the 8 planets of the solar system)
1. Mercury (बुध) :-

बुध ग्रह को “Swift Planet” के नाम से भी जानते हैं। वह ऐसा इसलिए क्योंकि यह ग्रह हमारे सौरमंडल में सबसे तेज घूमने वाला ग्रह है। यह प्रति सेकंड 29 मील यानी (47 किलोमीटर) की रफ्तार से हमारे सौरमंडल में घूमता है और यह सूर्य का परिक्रमा 88 दिनों में पूरा कर लेता है। अब तक नासा के केवल दो मिशन ही बुध ग्रह के लिए किया गया है। जिसमें से पहला मिशन “मेरिनर 10” था और दूसरा मिशन “मैसेंजर” था। “मैसेंजर” बुध ग्रह के कक्ष में घुसने वाला पहला अंतरिक्ष यान था।
बुध ग्रह के बारे में विस्तार से
1. बुध ग्रह को पहली बार सन 1631 को “Thomas Harriott and Galileo Galilei” ने अपने टेलीस्कोप से देखा था।
2. सूर्य के सबसे निकट ग्रह के बारे में बात करें तो सबसे पहला स्थान बुध ग्रह का आता है। यह सबसे छोटा सबसे निकट ग्रह है।
3. बुध ग्रह एक धरातल ग्रह है मगर इसके पास अपना कोई वायुमंडल नहीं है और ना ही इस ग्रह पर पानी की कोई मौजूदगी है।
4. यह सूर्य की परिक्रमा लगभग 88 दिन में पूरा करता है। दिन के समय बुध ग्रह का तापमान 427 °C तक पहुंच जाता है। वही रात के वक्त यह तापमान घटकर −173 °C तक हो जाता है। यही कारण है कि बुध ग्रह पर जीवन की कल्पना भी करना मूर्खता की बात है।
5. उपग्रह की बात करें तो बुध ग्रह का अपना कोई उपग्रह नहीं है।
6. घनत्व की बात करें तो बुध ग्रह का घनत्व 5.43 g/cm³ लगभग पृथ्वी के बराबर ही है।
7. बुध ग्रह पर 42% ऑक्सीजन, 22.0% हाईड्रोजन, 29.0% सोडियम 6.0% हीलियम, 0.5% पोटैशियम आर्गन और अन्य गैस पाई जाती है।
2. Venus (शुक्र) :-

शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा भी कहते हैं क्योंकि इस ग्रह की बनावट, आकार और संरचना बिल्कुल पृथ्वी की तरह है मगर पृथ्वी की तरह रहने लायक ग्रह नहीं है। इस ग्रह का तापमान 900 डिग्री फ़ारेनहाइट यानी (475 डिग्री सेल्सियस) है। यह किसी चीज को भी मिनटों में जलाकर राख कर सकता है। हमारे सौरमंडल में सबसे गर्म ग्रह की सूची में यह नंबर 1 पर है। इस ग्रह के गर्म होने का कारण एक तो सूर्य है और दूसरा इस ग्रह में मौजूद सक्रिय ज्वालामुखी।
शुक्र ग्रह के बारे में विस्तार से
1. शुक्र ग्रह की खोज सन 1610 में गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) ने की थी।
2. यह ग्रह रात के वक्त सबसे ज्यादा चमकता है और इसका नाम शुक्र ग्रह के साथ-साथ “चमकीला ग्रह” और “पृथ्वी की बहन” भी कहा जाता है। चंद्रमा के बाद यह दूसरा सबसे चमकीला प्राकृतिक वस्तु सौरमंडल में है।
3. यह ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक है और सूर्य से इसकी दूरी दूसरे स्थान पर है।
4. शुक्र ग्रह एक स्थलीय ग्रह है और इसके पास अपनी मोटी लेयर का वायुमंडल है जिसमें अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी हुई है। सल्फ्यूरिक एसिड के कारण इसके वायुमंडल में बादल पीले रंग के नजर आते हैं।
5. सूर्य की परिक्रमा शुक्र ग्रह कुल 255 दिनों में पूरा करता है।
6. शुक्र ग्रह का घनत्व 5.24 g/cm³ है।
7. शुक्र ग्रह का अपना कोई उपग्रह नहीं है।
3. Earth (पृथ्वी) :-

“पृथ्वी” यह नाम 1000 सालों से भी अधिक पुराना है और इसका उपनाम “Blue Planet” भी है। वह इसलिए क्योंकि अंतरिक्ष से देखने पर हमारा ग्रह समुंद्र के वजह से ब्लू रंग का नजर आता है। करीब 70% पानी हमारे पृथ्वी पर मौजूद है। जिनमें से मात्र 3% ही पानी पीने लायक है और उसमें भी हम मात्र 1.2% पानी ही पीने के इस्तेमाल में ला सकते हैं इसलिए सभी देशों के सरकारों ने अपने देशवासियों से बेवजह पानी की बर्बादी को रोकने की अपील की है।
पृथ्वी ग्रह के बारे में विस्तार से
1. पृथ्वी जहां हम रहते हैं यह एकमात्र ग्रह है जहां जीवन की उत्पत्ति हो पाई है और यहां पानी भी तरल रूप में पाया जाता है जो कि जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
2. यह एक धरातल चट्टानी ग्रह है जहां आपको ऊंचे ऊंचे पहाड़, घाटिया और गतिशील सतह देखने को मिल जाएगा। पृथ्वी की अधिकांश सतह पानी से ढकी हुई है 30% से भी कम जमीन है जहां हम रहते हैं।
3. पृथ्वी की दूरी सूर्य से तीसरे स्थान पर है और यह पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है हमारे सौरमंडल में और यह सूर्य की परिक्रमा कुल 365 दिनों में पूरा करता है।
4. पृथ्वी का घनत्व 5.51 g/cm³ है।
5. पृथ्वी के पास अपना एकमात्र “चंद्रमा” नामक उपग्रह है।
6. पृथ्वी के वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन और 21% ऑक्सीजन मौजूद है और 1% अन्य गैसे हैं जो कि जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
7. पृथ्वी के पास अपना वायुमंडल होने के कई फायदे है जिनमें से एक यह है कि उल्कापिंड जैसे घातक वस्तु को हवा में ही नष्ट कर देता है और कुछ ही भाग हमारे जमीन पर गिरती है जिससे ज्यादा क्षति हमें नहीं पहुंचती है।
4. Mars (मंगल) :-

मंगल ग्रह एक ऐसा ग्रह जहां पृथ्वी जैसे 4 मौसम आते हैं। वसंत, ग्रीष्म, शरद ऋतु और सर्दी ऋतु बिल्कुल हमारे पृथ्वी की तरह है मगर पृथ्वी के मुकाबले यह मौसम दोगुना समय के लिए मंगल ग्रह पर रहता है। अभी तक नासा ने मंगल ग्रह पर कई सारे रोवर भेज दिए हैं जिनमें से प्रमुख “Opportunity” और “Spirit” है। यह रोवर मंगल ग्रह पर कई सारी प्रमुख जानकारियां समेट कर हम तक पहुंचा रहे हैं। नासा की मानें तो हम जल्द ही मंगल ग्रह पर एक कॉलोनी बनाकर रहने लगेंगे इस मिशन में “Elon Musk” अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मंगल ग्रह के बारे में विस्तार से
1. मंगल ग्रह की खोज गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) ने 1610 में अपने टेलीस्कोप की मदद से किया था।
2. यह भी पृथ्वी की तरह धरातल चट्टानी ग्रह है जहां आपको ऊंचे ऊंचे पहाड़, घाटिया और गतिशील सतह देखने को मिल जाएगा।
3. मंगल ग्रह को अंतरिक्ष से देखने पर यह लाल रंग का नजर आता है क्योंकि मंगल ग्रह पर बहुत ही ज्यादा मात्रा में लौह खनिज ऑक्सीकरण ( iron minerals) मौजूद है। इसी वजह से मंगल ग्रह को “लाल ग्रह” भी कहा जाता है।
4. सूर्य से मंगल ग्रह की दूरी चौथे स्थान पर है और यह बुध ग्रह के बाद दूसरा सबसे छोटा ग्रह हमारे सौरमंडल में है और यह सूर्य की परिक्रमा पृथ्वी से 2 गुना समय में करता है। इसे एक परिक्रमा करने में कुल 687 दिन लग जाते हैं।
5. मंगल ग्रह का घनत्व 3.93 g/cm³ है।
6. मंगल ग्रह के पास अपने दो उपग्रह है जिनका नाम फोबोस “Phobos” तथा डेमोस “deimos” हैं।
7. इस ग्रह के वायुमंडल पृथ्वी के मुकाबले काफी ज्यादा पतली है। मंगल ग्रह के वायुमंडल में अधिकतर भाग कार्बन डाइऑक्साइड (95%) का है। उसके बाद नाइट्रोजन (2.6%) और आर्गन (1.9%) का है। बहुत ही कम मात्रा में ऑक्सीजन (0.16%) मौजूद है।
5. Jupiter (बृहस्पति) :-

यह ग्रह इतना विशालकाय है कि आप इस ग्रह को नग्न आंखों से भी देख सकते हैं। बृहस्पति ग्रह के पास भी सभी 3 बड़े ग्रहों की तरह रिंग है। यह खोज 1979 को “Voyager” मिशन के दौरान खोजा गया था। अब तक नासा द्वारा 9 अंतरिक्ष यान बृहस्पति ग्रह की और भेजा गया है। इसमें से दो अंतरिक्ष यान बृहस्पति ग्रह की कक्ष में परिक्रमा कर रहे हैं।
बृहस्पति ग्रह के बारे में विस्तार से
1. बृहस्पति ग्रह की खोज गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) ने ही 1610 में अपने टेलीस्कोप की मदद से किया था।
2. यह ग्रह हमारे सौरमंडल में सभी ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। यह इतना बड़ा है कि पृथ्वी जैसी ग्रह इसमें करीब 11 समा सकते हैं जहां पृथ्वी की त्रिज्या 6,371 km है वही बृहस्पति ग्रह की त्रिज्या 69,911 km हैं।
3. बृहस्पति ग्रह पूरी तरह गैस से बनी हुई ग्रह है। इसके वायुमंडल में हाइड्रोजन एवं हीलियम की मात्रा अत्यधिक है। इस ग्रह में किसी भी प्रकार की कोई धरातल या चट्टाने नहीं है। इसमें एक ठोस आंतरिक कोर है जोकि पृथ्वी के आकार की है।
4. बृहस्पति ग्रह की दूरी सूर्य से पांचवें स्थान पर है।
5. कोई धरातल नहीं होने की वजह से बृहस्पति ग्रह का घनत्व 1.33 g/cm³ जोकि पृथ्वी के मुकाबले कम है।
6. बृहस्पति ग्रह के पास 75 उपग्रह है इसके अलावा और भी उपग्रह देखे जा रहे हैं।
7. यह सूर्य की परिक्रमा 10 साल में पूरा करता है।
6. Saturn (शनि) :-

शनि ग्रह को “रिंगो का राजा” भी कहा जाता है। ऐसा नहीं है कि हमारे सौरमंडल में शनि ग्रह के अलावा किसी दूसरे ग्रहों के पास अपना रिंग नहीं है। “बृहस्पति”,”अरुण” और “वरुण” जैसे ग्रहों के पास भी अपना रिंग है मगर शनि ग्रह के पास रिंगो की संख्या करीब 7 है जो कि सबसे अधिक है और यह बहुत बड़े और ज्यादा चमकदार है। अब तक शनि ग्रह पर “Pioneer 11” और “Voyagers 1&2” अंतरिक्ष यान भेजे गए हैं।
शनि ग्रह के बारे में विस्तार से
1. शनि ग्रह की खोज जुलाई 1610 में गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) ने किया था। अपने टेलीस्कोप की मदद से मगर पहली बार जब गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) ने शनि ग्रह को देखा तो यह उन्हें 3 ग्रह का संयोजन लगा दरअसल वह शनि ग्रह के रिंग को 3 ग्रह का संयोजन समझ बैठे थे।
2. यह बृहस्पति ग्रह के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह हमारे सौरमंडल में है। शनि ग्रह के आकार की बात करें तो यह लगभग 58,232 km का है।
3. शनि ग्रह भी बृहस्पति ग्रह जैसा ही है। यह भी हाइड्रोजन एवं हीलियम से बना है। इस ग्रह में किसी भी प्रकार की कोई धरातल या चट्टाने नहीं है।
4. यह ग्रह सूर्य से छठे स्थान पर है। जिस वजह से सूरज की रोशनी बहुत कम पहुंच पाती है। जिस वजह से यह थोड़ा अंधेरा जैसा दिखाई देता है। शनि ग्रह नग्न आंखों से देखा जाने वाला अंतिम ग्रह है।
5. कोई धरातल नहीं होने की वजह से बृहस्पति ग्रह की तरह शनि ग्रह का भी घनत्व बहुत कम 0.69 g/cm3 है।
6. शनि ग्रह के पास 82 उपग्रह है जिनमें एक का नाम टाइटन (titan) है। नासा की माने तो टाइटन (titan) उपग्रह पर जीवन की संभावना मौजूद है।
7. यह सूर्य की परिक्रमा 29 साल में पूरा करता है।
7. Uranus (अरुण) :-

यह ग्रह टेलिस्कोप से खोजा जाने वाला पहला ग्रह था। “Voyager 2” एकमात्र अंतरिक्ष यान था जोकि अरुण ग्रह के सबसे नजदीक जा सका। इसके अलावा आज तक अरुण ग्रह के कक्ष में दूसरे अंतरिक्ष यान का आगमन नहीं हो सका है।
अरुण ग्रह के बारे में विस्तार से
1. अरुण ग्रह की खोज “विलियम हर्शेल (William Herschel)” ने 13 मार्च 1781 में अपने टेलीस्कोप की मदद से किया था।
2. यह ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य से सातवा स्थान पर है। इस ग्रह को टेलीस्कोप से देखने पर यह नीला-हरा रंग का नजर आता है।
3. यह भी हाइड्रोजन एवं हीलियम से बना हुआ ग्रह है। “वायेजर 2” अंतरिक्ष यान एकमात्र अंतरिक्ष यान है जो अरुण ग्रह के पास पहुंच पाया है। इस ग्रह में किसी भी प्रकार की कोई धरातल या चट्टाने नहीं है। अरुण ग्रह पृथ्वी से लगभग चार गुना चौड़ा है।
4. कोई धरातल नहीं होने की वजह से अरुण ग्रह भी बृहस्पति ग्रह की तरह घनत्व में बहुत कम 1.27 g/cm³ है।
5. अरुण ग्रह के पास अपने 13 रिंग है कुछ आंतरिक रिंग है तो कुछ बाहरी रिंग है आंतरिक रिंग गहरे रंग के हैं वही बाहरी रिंग चमकीले रंग के है।
6. अरुण ग्रह के पास 27 उपग्रह है सभी उपग्रहों के नाम “विलियम शेक्सपियर और अलेक्जेंडर पोप” के नाम के आधार पर रखा गया है।
7. यह सूर्य की परिक्रमा कुल 84 साल में पूरा करता है।
8. Neptune (वरुण) :-

वरुण ग्रह की अपनी एक पहचान है। यह ग्रह बर्फ जैसा ठंडा, सबसे ज्यादा अंधेरा वाला ग्रह है। यह हमारे सौरमंडल में 30 गुना ज्यादा दूरी पर है। पृथ्वी और सूर्य की दूरी के मुकाबले “Voyager 2” ही एकमात्र ऐसा अंतरिक्ष यान है जोकि अब तक वरुण ग्रह पर पहुंच पाया है।
वरुण ग्रह के बारे में विस्तार से
1. वरुण ग्रह की खोज “जोहान गॉटफ्राइड गाले (Johann Gottfried Galle)” ने 23 सितंबर 1846 में अपने टेलीस्कोप की मदद से किया था।
2. 1989 में सौरमंडल से बाहर निकलते समय “वायेजर 2” अंतरिक्ष यान ने नेप्च्यून को करीब से देखा था। “वायेजर 2” अंतरिक्ष यान पहला और अब तक का आखरी अंतरिक्ष यान था जोकि वरुण ग्रह के इतने नजदीक जा सका।
3. वरुण ग्रह हमारे सौरमंडल का अंतिम ग्रह है।
4. यह ग्रह बर्फ, पानी, मीथेन और अमोनिया से बना हुआ है और इसका वातावरण ज्यादातर आणविक हाइड्रोजन, परमाणु हीलियम और मीथेन से बना हुआ है। इसके मध्य में एक छोटा चट्टानी कोर है और इसका गुरुत्वाकर्षण बल ब्रस्पति ग्रह के बाद सबसे अधिक है।
5. वरुण ग्रह का घनत्व 1.64 g/cm³ है।
6. वरुण ग्रह के पास 14 उपग्रह है जिनमें से “ट्राइटन” और “हिप्पोकैम्प” प्रमुख है।
7. यह सूर्य की परिक्रमा कुल 165 साल में पूरा करता है।
वर्ष 2006 से पहले हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह हुआ करते थे मगर International Astronomical Union (IAU) द्वारा किए गए अंतरिक्ष कानून में संशोधन के बाद नए कानूनों में Pluto (यम) 3 कानूनों में उपयुक्त नहीं बैठ पा रहा था और ऊपर से यह एक छोटे आकार का ग्रह है। जिस कारण इसे सौरमंडल के ग्रहों की सूची से हटा कर इसे छोटे ग्रह की सूची में डाल दिया गया है। अब हमारे सौरमंडल में सिर्फ 8 ग्रह है।
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