अगर दुनिया में सबसे ज्यादा रहस्यमई कोई जगह है तो वह Area 51 है। आज हम आपको क्या है Area 51 का काला सच | The dark truth of Area 51 In Hindi के अंदर के रहस्य को बताने जा रहे हैं। यहां ना जाने कई सारे राज छुपे हुए हैं।
जिनमें से सबसे बड़ा राज Area 51 में एलियंस का होना है। यह दावा हम यूं ही नहीं कर रहे हैं दरअसल अमेरिकी साइंटिस्ट “बॉयड बुशमैन (boyd bushman)” ने खुद यह प्रमाण 2014 में अपने स्टेटमेंट और कुछ एलियंस के तस्वीरों के साथ साझा करते हुए दिया था। जिसके बाद देश के कोने-कोने में यह बात आग की तरह फैल गई।

Area 51 की शुरुआत कब और कहां से हुई।
साल 1947 के जुलाई में न्यू मैक्सिको अमेरिका के रॉसवेल में UFO क्रैश होने की खबर अखबारों में और टीवी चैनल्स पर चलने लगी दरअसल रॉसवेल के पशुपालक रोज की तरह अपना काम कर रहे थे तभी उन्हें आसमान में अचानक एक UFO (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑबजेक्ट) दिखा। देखने के तुरंत ही बाद वह UFO अचानक क्रैश हो गया और उनसे कुछ ही दूरी पर जाकर गिर गया।
यह खबर पशुपालक तुरंत पास के सैनिक बेस को देते हैं। सैनिक आकर उस जगह को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करके बंद कर देते हैं और अगले दिन सेना के प्रमुख एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके UFO को मार गिराने की बात कहते हैं लेकिन इसके अगले ही दिन बाद वह अपनी बात से पीछे हट जाते हैं और बताते हैं कि एयर बैलून क्रैश हुआ था।

यह सभी घटनाक्रम को आपस में जोड़कर देखे तो यही अनुमान लगाया जाता है कि अमेरिकी सैनिक अपने लोगों से और पूरी दुनिया से कुछ छुपा रहे थे। इसके बाद शुरू होता है Area 51 के कंस्ट्रक्शन का काम। Area 51 अमेरिका के नेवाडा में स्थित है। यह जगह पहले ऐसा नहीं हुआ करता था। यहां पर काफी संख्या में घर और लोग रहा करते थे मगर अचानक से अमेरिकी सरकार के आदेश पर इस जगह को खाली कराया गया और यहां Area 51 का निर्माण किया गया।
आज के वक्त यह जगह एकांत खाली और वीरान जगह बन चुका है। यहां पर दूर-दूर तक कोई बस्ती नहीं है और ना ही यहां कोई लोग रहते हैं सिर्फ रहते हैं तो अमरीकी सैनिकों की फौज जो 24 घंटे इस जगह की निगरानी करते हैं।

Area 51 के बारे में क्या कहते हैं वहां के लोग।
साल 1947 में जब UFO क्रैश होने की खबर चारों ओर फैली तो वहां के पशुपालक से जब पत्रकारों ने बातचीत किया तो जो पशुपालक UFO क्रैश होने के दौरान वहां मौजूद थे। उन्होंने बताया की वह कोई एयर बैलून नहीं था बल्कि वह एक स्पेसशिप (UFO) था क्योंकि आज के जमाने से कहीं ज्यादा आधुनिक और काफी ज्यादा चमकीला था।
UFO के क्रैश होने के बाद जब वहां अमेरिकी सैनिक आए तो उन्होंने UFO के चालक को बंदी बनाकर अपने साथ लेकर चले गए। चालक कोई साधारण मनुष्य जैसा नहीं लग रहा था। न्यू मैक्सिको के लोगों का यह भी मानना है कि उस UFO का चालक कोई आम इंसान नहीं बल्कि एक एलियन था और आज भी अमेरिकी शोधकर्ताए उस एलियन को Area 51 नामक जगह पर रखे हुए और उस पर लगातार शोध कर रहे हैं।

क्या है Area 51 का काला सच | The dark truth of Area 51 In Hindi
Area 51 का हुआ पर्दाफाश
साल 1989 को देश और दुनिया में मानो एक भूकंप सा आ गया हो जब “रॉबर्ट लेजर (Robert Lazar)” उस वक्त के प्रसिद्ध अमेरिकी वैज्ञानिक ने यह दावा किया कि वह Area 51 के अंदर “एलियन टेक्नोलॉजी” के ऊपर काम कर चुके हैं। उन्होंने कई सारे टीवी चैनल पर अपना इंटरव्यू देकर Area 51 में चल रहे काम के बारे में बताया। उन्होंने Area 51 में मृत एलियन को देखे जाने का भी बड़ा दावा किया मगर यह बात शायद अमरीकी सरकार को पसंद नहीं आई।

इसी वजह से उन्होंने “रॉबर्ट लेजर” को कई सारे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया मगर जब भी अमेरिकी सरकार से Area 51 के बारे में पूछा जाता है। तब उनका जवाब यही होता कि ऐसी कोई जगह है ही नहीं मगर लगातार कई सारे ऐसे प्रमाण सामने आ रहे थे कि अमरीकी सरकार को आखिरकार अपनी सच्चाई सामने लाने ही पड़ी। साल 2013 को अमेरिकी खुफिया एजेंसी (CIA) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके Area 51 के होने की पुष्टि आधिकारिक तौर पर कर दी मगर एलियन के होने की पुष्टि से उन्होंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि यह एक अमेरिकी एयरफोर्स बेस है।

लगभग 1 साल बाद 2014 को कुछ ऐसे प्रमाण सामने आए जिसे देख अमेरिकी सरकार के नीचे से मानो जमीन खिसक गई हो। अमेरिका के प्रमुख साइंटिस्ट “बॉयड बुशमैन (boyd bushman)” ने कुछ तस्वीरें लोगों के साथ और टीवी चैनल के माध्यम से शेयर किए। तस्वीरों में साफ तौर से मृत एलियन देखा जा सकता है। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया कि वह एलियन से बात कर चुके हैं और उन्होंने UFO के ऊपर भी काम किया है। दरअसल 1947 में हुए UFO क्रैश एक सच्ची घटना थी। बचे हुए UFO के मलबे को Area 51 में रखा गया था और “बॉयड बुशमैन (boyd bushman)” उसी UFO के “reverse engineering” पर काम कर रहे थे।
Area 51 में है सुरक्षा के कड़े प्रबंध।

साल 2019 को “मैटी रॉबर्ट्स” नामक एक अमेरिकी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर “स्टॉर्म एरिया 51” कैंपेन चलाया। इस कैंपेन में लगभग 1.5 मिलियन लोगों ने अपना समर्थन दिया। इस कैंपेन में Area 51 में छिपे रहस्यों का पर्दाफाश करना था और अगले दिन तड़के सुबह लोगों की भीड़ Area 51 के चारों ओर लग गई। जिसे देख अमेरिकी एयर फोर्स (USAF) ने तुरंत चेतावनी घोषणा कर दी “जो भी लोग Area 51 के अंदर आने की कोशिश करेंगे और नियम का उल्लंघन करेंगे वह अपनी मौत का जिम्मेदार खुद होंगे” इस तरह की चेतावनी सुनकर तुरंत ही लोगों से भरी भीड़ अचानक से गायब हो गई।

तत्काल तुरंत ही “मैटी रॉबर्ट्स” युवक को गिरफ्तार कर लिया गया जिसने यह पूरा कैंपेन चलाया था। “मैटी रॉबर्ट्स” ने अपने बयान में यह कहा कि “वह यह एक मजाक की तरह कर रहा था। उसे नहीं मालूम था कि यह बात इतना बढ़ जाएगा”।
आज भी हथियारों से लैस कई सारे अमेरिकी सैनिक Area 51 की सुरक्षा में 24 घंटे लगे हुए हैं। अमेरिकी सरकार का अभी भी यह कहना है कि Area 51 वह एक एयरफोर्स बेस हैं और उसमें सैनिक युद्ध की प्रशिक्षण करते हैं और आज भी Area 51 के अंदर वाकई में क्या चल रहा है यह किसी को नहीं मालूम।
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